Saturday 12 March 2011

  हाजिर है हम .......



















आस्था का उज्जवल निदर्शन

धूप की angadaiya  जख्मी पड़ी है ......
 हम भ्रष्टन के भ्रष्ट हमारे
 मेरे पास गुलाल था .....